विद्युत बल्ब में टंग्स्टन का फिलामेंट इसलिए बनाया जाता है, क्योंकि इसका गलनांक बहुत अधिक (लगभग 3400°C) होता है।
अतः यह बिना गले 2700°C श्वेत-तप्त ताप प्राप्त कर सकता है।
चूँकि टंग्स्टन की प्रतिरोधकता कम है इसलिए पतला और लंबा तार (कुंडली के रूप में) लेना पड़ता है ताकि प्रतिरोध अधिक हो और ऊष्मा अधिक उत्पन्न हो।