जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है, तब वायु में उपस्थित सूक्ष्म कण लाल की अपेक्षा नीले रंग के प्रकाश को अधिक प्रबलता से प्रकीर्णित (Scatter) करते हैं।
यही प्रकीर्णित नीला प्रकाश हमारे नेत्र में प्रवेश करता है। जिससे आकाश नीला प्रतीत होता है।
अत्यधिक ऊँचाई पर उड़ते हुए अंतरिक्षयात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला (Black) इसलिए प्रतीत होता है, क्योंकि इतनी अधिक ऊँचाई पर प्रकीर्णन के लिए कण उपलब्ध नहीं होते हैं।