मेघीय रातों में वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा साफ रातों की अपेक्षा अधिक होती है। बहिर्गामी पार्थिव विकिरण को जलवाष्प अवशोषित करता है, फलस्वरूप मेघीय रातें अपेक्षाकृत अधिक गर्म महसूस होती हैं। इसके अतिरिक्त साफ रातों में वायुमंडल में जलवाष्प की कमी के कारण रात्रि के समय पार्थिव विकिरण आसानी से शून्य में चली जाती हैं जिससे साफ रातें ठंडी महसूस होती हैं। वास्तव में वायुमंडल ग्रीनहाउस प्रभाव की भांति व्यवहार करता है।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों में से विकल्प (b) सही होगा ।