बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया, जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था ।
बोधगया में 6 वर्ष की साधना के पश्चात 35 वर्ष की आयु में महात्मा बुद्ध को वैशाख पूर्णिमा की रात को एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।
इस स्थल पर मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी B.C. में प्रारंभ किया। परंतु इसका वर्तमान स्वरूप 5वीं-छठी शताब्दी में निर्मित हुआ। यह मंदिर पूरी तरह ईंटों से निर्मित है।
वर्ष 2002 में यूनेस्को द्वारा यह विश्व धरोहर स्थल बना।