महाबोधि मंदिर स्थित वर्तमान बोधि वृक्ष वह नहीं है, जिसके नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। ह्वेनसांग के अनुसार, उस मूल वृक्ष को सातवीं शताब्दी में सम्राट शशांक ने नष्ट कर दिया था। इसके बाद इस स्थान पर 2 और वृक्ष रोपित हुए और नष्ट हुए। वर्तमान वृक्ष जिसे हम देख रहे हैं वह पांचवी पीढ़ी का वृक्ष है, जिसे अलेक्जेंडर कनिंघम ने लगवाया था। यह वृक्ष पूरी तरह संरक्षित है और केवल इससे गिरी हुई पत्तियों को ही छूने एवं उठाने का अधिकार है। एक अन्य तथ्य के अनुसार, यह वृक्ष क्रमशः दो बार सम्राट अशोक, एक बार पुष्यमित्र शुंग, एक बार पूर्व वर्मा तथा अंत में कनिंघम द्वारा लगवाया गया। अतः यह छठी पीढ़ी का वृक्ष है। बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर इसे पांचवी पीढ़ी का बताया गया है। अत : उपरोक्त सभी विकल्पों में से विकल्प (3) सही है।