बल्ब का तन्तु तप्त होकर श्वेत हो जाता है जबकि प्रवेशी संयोजी तार केवल हल्का-सा ही गर्म हो पाता है क्योंकि संयोजी तार
(A) में अपेक्षाकृत कम धारा प्रवाहित हो पाती है
(B) का प्रतिरोध बहुत कम होता है
(C) का गलनांक अपेक्षाकृत अधिक होता है
(D) श्याम लौह का बना होता है