अमृत बाजार पत्रिका की स्थापना मोती लाल घोष तथा शिशिर कुमार घोष (Shishir Kumar Ghosh) ने 1868 ई. में कलकत्ता (Kolkata) में की।
प्रारंभ में यह बंगाली भाषा में प्रकाशित होती थी। 1878 ई. में देशी भाषा प्रेस अधिनियम से बचने के लिए रातों-रात अंग्रेजी भाषा में रूपांतरित हो गई।
गिरीश चन्द्र घोष ने बंगाली का प्रकाशन 1862 ई. में शुरू किया, जिसे 1879 ई. में एस.एन. बनर्जी ने ले लिया।
हिंदू पैट्रियाट की स्थापना भी गिरीश चन्द्र घोष ने की बाद में हरीश चन्द्र मुखर्जी इसके संपादक बने।