लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) शेर-ए-पंजाब के नाम से भी जाने जाते थे।
ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है।
साइमन कमीशन के विरोध में एक जुलूस का नेतृत्व करते समय लालाजी लाठियों के प्रहार से घायल हो गए, परिणामस्वरूप 27 नवंबर, 1928 को उनका देहांत हो गया।