रमन प्रभाव (Raman Effect) प्रकाश (Light) के लाक्षणिकता से संबधित है।
'रमन प्रभाव' का संबंध फोटोन कणों के प्रकीर्णन से है। इसकी खोज प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन ने वर्ष 1930 में की थी।
रमन प्रभाव के अनुसार जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों या ठोसों से होकर गुजरता है तो इसमें आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वणों का प्रकाश देखने में आता है।
रमन प्रभाव के अनुसार, प्रकाश की प्रकृति या स्वभाव में तब परिवर्तन होता जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है। माध्यम के कण प्रकाश ऊर्जा के कणों को प्रकीर्णित कर देते हैं। रमन प्रभाव की उपयुक्त व्याख्या केवल क्वांटम सिद्धांत के आधार पर की जा सकती है।
रमन प्रभाव का प्रयोग औषधियों, पेट्रोकेमिकलो एवं रसायनों के निर्माण प्रक्रमों के अध्ययन तथा गुणवत्ता निर्धारण में होता है।