दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) 1961 में लागू किया गया था। इस अधिनियम-1961 के अन्तर्गत दहेज लेने या देने में सहयोग करने वाले को 5 वर्ष का कैद या 15,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया। (अथवा दोनों)
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 498A के अन्तर्गत पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक माँग के मामले संबंधित है, इसके अन्तर्गत 3 साल की कैद अथवा जुर्माना हो सकता है।
आई०पी०सी० धारा 406 के अन्तर्गत पति और ससुराल वालों के लिए 3 वर्ष की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।
स्त्रीधन - विवाह के पूर्व या विवाह के बाद जो लड़की को उपहार में दिया जाता है, इसे स्त्रीधन कहा जाता है। स्त्रीधन पर केवल उस महिला का अधिकार होता है, जिसे दिया जाता है।