वे लक्षण जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी(pidhi dar pidhi) संचरित होते हैं, आनुवंशिक लक्षण कहलाते हैं।
- आनुवंशिक लक्षणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचरण की विधियों और कारणों के अध्ययन को आनुवंशिकी (Genetics) कहते हैं।
- आनुवंशिकता के बारे में सर्वप्रथम जानकारी आस्ट्रिया निवासी ग्रिगर जोहान मेंडल (1822 - 1884 ई०) ने दी। इसी कारण उन्हें आनुवंशिकता का पिता (Father of Genetics) कहा जाता है।
- डब्ल्यू वाटसन ने 1905 ई० में सर्वप्रथम जैनेटिक्स (Genetics) नाम का उपयोग किया।
- जोहान्सेन ने 1909 ई० में सर्वप्रथम जीन शब्द का प्रयोग किया।
- जीवधारी के जो लक्षण प्रत्यक्ष रूप से दिखाई पड़ते हैं, उसे फीनोटाइप कहते हैं।
- जीवधारी के आनुवंशिक संगठन को उसका जीनोटाइप कहते हैं, जो कि कारकों (जीन) का बना होता हैं।
- आनुवंशिकी संबंधी प्रयोग के लिए मेंडल ने मटर के पौधे का चुनाव किया था।
- मॅडल ने पहले एक जोड़ी विपरीत गुणों फिर दो जोड़े विपरीत गुणों की वंशागति का अध्ययन किया, जिन्हें क्रमशः एकसंकरीय तथा द्विसंकरीय क्रॉस कहते है।