अकबर (Akbar) ने उत्पादकता के आधार पर भूमि का वर्गीकरण किया। इसने पूर्व से चली आ रही भूमि पैमाइश की इकाई गज-ए-सिकंदरी की जगह गज-ए-इलाही की शुरुआत की।
भूमि का वर्गीकरण, खालसा, पोलज, बंजर, ऊसर आदि इकाइयों में किया। इससे भू राजस्व के निर्धारण में आसानी होती थी।