हाँ, हो सकती हैं। इसकी माँग भी बहुत दिनों से होती आ रही है, लेकिन इन प्रतिनिधि सभाओं में पुरुषों की अधिक भागीदारी एवं इनमें लोकतांत्रिक चेतना के जागृत न होने के कारण महिला आरक्षण विधेयक लाने में आनाकानी कर रहे हैं, लेकिन कब तक?
देर-सेबर महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा ही, यह समय की माँग है।