आवर्त सारणी में तत्त्वों को इस प्रकार सजाया जाता है कि किसी आवर्त विशेष में बाएँ से दाएँ जाने पर तत्त्वों में शेल की संख्या समान होती है, किंतु उसमें क्रमशः एक-एक इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ती जाती है।
एक निश्चित अंतराल के बाद समान बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले तत्त्व की पुनरावृत्ति होती है जिससे नया आवर्त आरंभ हो जाते हैं।
तत्त्व के बाह्यतम शेल की संख्या आवर्त बताती है। किसी वर्ग विशेष के सभी तत्त्वों के बाह्यतम शेल का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है अर्थात उनमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर शेलों की संख्या क्रमशः बढ़ती जाती है।