कैथोड किरण के गुण :
- यह पतली धातु की चादर से पार कर जाती है।
- यह किरण विद्युत् एवं चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होती है ।
- कैथोड किरण का वेग, प्रकाश के वेग का 1/10 गुना होता है।
- कैथोड किरणें अदृश्य होती हैं और सीधी रेखाओं में चलती हैं।
- कैथोड किरण को केवल गैस का प्रयोग करके पैदा किया जा सकता है।
- यह गैसों को आयनीकृत कर देती है एवं धातु पर ऊष्मीय प्रभाव दिखलाती है।
- यह फोटोग्राफिक प्लेट को प्रभावित करती है । इसकी वेधन क्षमता कम होती है।
- कैथोड किरणें जब विद्युतीय क्षेत्र से होकर लम्बवत् गुजरती हैं, तो इसका रास्ता परवलयाकार होता है।
- कैथोड किरणें ऋणात्मक होती हैं, इसलिए ये कैथोड से एनोड की तरफ गमन करती हैं। ये इलेक्ट्रॉन की बनी होती हैं और अपनी सतह के लंबवत् निकलती हैं।
- कैथोड किरणों के उत्पादन में विभव का स्रोत प्रेरण कुंडली (Induction Coil) होता है, जो कम विभव के सेल से बहुत उच्च विभव प्रदान करता है । यह पारस्परिक प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
नोट: जब कैथोड किरणें किसी उच्च परमाणु क्रमांक वाली धातु (जैसे-टंगस्टन) पर गिरती हैं, तो ये X-किरणें उत्पन्न करती हैं।