हीरा (Diamond) :
हीरा कार्बन का क्रिस्टलीय अपरूप इसका प्राकृतिक स्रोत किम्बरलाइट पत्थर होता है। यह विश्व में दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, सं.रा.अ., आस्ट्रेलिया आदि देशों में पाया जाता है । भारतवर्ष में हीरा गोलकुण्डा, अनन्तपुर, बेलारी, पन्ना आदि स्थानों पर मिलता है।
संसार के कुछ विख्यात हीरों में कुलिनान (3032 कैरेट), होप ( 445 कैरेट), कोहिनूर (186 कैरेट) और पिट ( 136.2 कैरेट) प्रमुख कृत्रिम हीरा को सर्वप्रथम मोयासां (Moisson) ने 1893 ई. में बनाया था। शुद्ध हीरा पारदर्शक एवं रंगहीन होता है, किन्तु अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण यह भिन्न-भिन्न रंगों का होता है। कुछ हीरे काले रंग के होते हैं, जिसे बोर्ट (Bort) कहते हैं। यह सभी पदार्थों से अधिक कठोर होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 3.52 होता है। यह कांच को आसानी से काट देता है । इसके रवे घनाकार (Cubical) होते इसका अपवर्तनांक 2.417 होता है। अतः पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण ही यह बहुत चमकता है।
हीरा ताप और विद्युत् का कुचालक है। यह किसी द्रव में नहीं घुलता है। इस पर अम्ल, क्षार आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वायु में 800°C ताप पर गर्म करने पर यह CO2 गैस देता है। वायु की अनुपस्थिति में 2000°C ताप तक गर्म करने पर यह ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है। यह X - किरणों के लिए पारदर्शी होता है।