अपने अन्तरालों में आदर्श गैसों का आकार बड़ा है । आदर्श गैस अणु नहीं बनाती ।
इनमें केवल वाण्डर वाल्स आकर्षण ही वाण्डर वाल्स त्रिज्या, सहसंयोजी त्रिज्या से बड़ी होती है ज्योंही हम वर्ग में नीचे की ओर जाते हैं तब इनका आकार बढ़ता है क्योंकि कक्षकों की संख्या बढ़ती जाती है।