शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ, 1951: इस मामले में यह प्रश्न उठाया गया क्या संसद मौलिक अधिकारों का संशोधन कर सकती है? इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने यह निर्णय दिया कि अनुच्छेद 368 में निहित प्रक्रिया के अनुसार संविधान संशोधन, विधि के अंतर्गत नहीं आता, अतः संसद संविधान में संशोधन कर सकती है।