अलाउद्दीन (Alauddin Khilji) के आक्रमण के समय देवगिरि (Devgiri) का शासक रामचंद्र देव था।
1296 ई. में देवगिरि के शासक रामचंद्र देव ने अलाउद्दीन के सफल आक्रमण से बाध्य होकर उसे प्रति वर्ष एलिचपुर की आय भेजने का वादा किया था, परंतु 1305 ई. अथवा 1306 ई. में उसने उस कर को दिल्ली नहीं भेजा, जिस कारण 1307 ई. में अलाउद्दीन ने मलिक काफूर के नेतृत्व में एक सेना देवगिरि पर आक्रमण करने के लिए भेजी। राजा रामचंद्र देव युद्ध में पराजित हुआ और उसने आत्मसमर्पण कर दिया ।