भारत में सिविल सेवा / भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के वर्तमान ढाँचे की शुरुआत लार्ड कार्नवालिस द्वारा की गई।
लॉर्ड कॉर्नवॉलिस दो बार भारत के गवर्नर-जनरल (Governor General) बनाये गये थे। पहली बार वे सन्न 1786 -1793 ई. तक तथा दूसरी बार 1805 ई. में गवर्नर-जनरल बनाये गये।
भारत में सिविल सेवा (Civil Services) का जनक लार्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis) को कहा जाता है।
कार्नवालिस ने अपने प्रशासनिक एवं अन्य सुधारों के द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (British East India Company) को एक कंपनी से राज्य के रूप में परिवर्तित कर दिया।
उसने न्याय व्यवस्था, पुलिस प्रशासन, कर प्रणाली, स्थानीय शासन तथा लोक सुरक्षा आदि में अनेक सुधार किए। बता दें, कि संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) भारत में केंद्रीय भर्ती अभिकरण है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्थान है, जिसके कार्यों और शक्तियों का विवरण संविधान (Constitution) के 14वें भाग में अनु. 315 से 323 में किया गया है।
इसका संबंध अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) और केन्द्रीय सेवाओं और केन्द्रीय सेवाओं हेतु ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के अधिकारियों की भर्ती से संबंधित अनुशंसा करने से है। इसके अतिरिक्त यह सरकार द्वारा मांगे जाने पर प्रोन्नति और अनुशासनात्मक मामलों में परामर्श देती है।.