शाहजहाँ की बड़ी पुत्री जहाँआरा (Jahan Ara) कैद के समय उसकी सेवा की थी। शाहजहाँ के पुत्र औरंगजेब ने शाहजहाँ को आगरा के शाहबुर्ज में 1658 ई० में कैद कर दिया था। उनकी की मृत्यु 22 जनवरी, 1666 ई० में हुई थी। इन्हें आगरा में मुमताज के कब्र के बगल में दफना दिया गया।
शाहजहाँ के सात संतान जीवित थी। तीन पुत्री थी- जहाँआरा, गौहरआरा . और रोशनआर। शाहजहाँ के काल में जहाँआर बहुत प्रभावशाली महिला थी।
जहाँआरा ने उत्तराधिकारी के युद्ध में दारा शिकोह का समर्थन किया था।