वायु की क्षैतिज गति से होने वाले ऊष्मा के संचरण को अभिवहन (Advection) कहते हैं।
संवहन (Convection) : ऊष्मा का ऊर्ध्वाधर गति से होने वाले ऊष्मीय संचरण को संवहन (Convection) कहते हैं। संवहन केवल गैसों तथा द्रवों में होती है।
चालन (Conduction) : ऊष्मा स्थानान्तरण की वह प्रक्रिया जिसमें ऊष्मा माध्यम के एक अणु से दूसरे अणु को मिल जाती है परंतु अणु अपना स्थान परिवर्तित करती है, चालन (Conduction) कहलाती है। फोर्स में ऊष्मा का स्थानांतरण चालन विधि से होता है।
विकिरण (Radiation) : किसी गर्म स्रोत से ऊष्मा (ऊर्जा) विद्युतचुम्बकीय तरंगों के रूप में भी संचारित होती है, इसे विकिरण (Radiation) कहते हैं। इसके लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
सूर्य से पृथ्वी पर ऊष्मा विकिरण प्रक्रिया द्वारा ही आती है। जब विकिरण ऊर्जा किसी पारदर्शी माध्यम में से होकर गुजरती है, तो माध्यम का ताप नहीं बदलता है, परंतु विकिरण किसी अपारदर्शी माध्यम में से होकर गुजरती है, तो माध्यम का ताप बढ़ जाता है।
- ऊष्मा का S.I मात्रक जूल (J) है। अन्य मात्रक–कैलोरी (Cal), किलो कैलोरी, B.Th.U आदि हैं।
- एक ग्राम शुद्ध जल का ताप 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को एक कैलोरी कहते हैं। इसे अंतर्राष्ट्रीय कैलोरी भी कहते हैं।
- 1 कैलोरी = 4.186 जूल
- 1 जूल = 0.24 कैलोरी
- 1 किलो कैलोरी = 1000 कैलोरी (4186 जूल)
- 1 B.Th.U = 252 कैलोरी
- 1 थर्म = 100000 B.Th.U