भारत देश एक विशाल देश है जहाँ सांस्कृतिक व जातीय बहुलता पायी जाती है प्राचीनकाल से ही हमारे देश में दूसरे देश से आए लोगों का प्रवास रहा है जिससे और भी ज्यादा सांस्कृति व जातीय भिन्नता पायी जाती है, उनमें भाषाई भिन्नता भी जायी जाती है।
ये भाषाएँ स्थानीय भाषाओं के साथ मिलकर एक और दूसरी भाषा का निर्माण करती है। ये भाषाएँ धीरे-धीरे अपना स्थान बनाने लगते हैं।
जनगणना में यह बात भी निकलकर सामने आयी है कि भारत में 18-20 नहीं बल्कि 1632 भाषाएँ बोली जाती है, इसलिए भारत बहुभाषी है।
राजनीतिक व धार्मिक कारणों से अनेक छोटे-छोटे समुदायों की भाषायें जो एक-दूसरे से बहुत मिलती थीं, उन्हें भी अलग गिना गया ।