मानव बलि प्रथा (Human Sacrifice) का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने वाली खोंड जनजाति (Khond Tribe) है ।
खोंड जनजाति के लोग तमिलनाडु से लेकर बंगाल और मध्य भारत तक फैले विस्तृत पहाड़ी क्षेत्रों में रहते थे और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वे वस्तुतः स्वतंत्र थे।
इन्होंने 1837 से 1856 ई. तक अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। इस आंदोलन का नेतृत्व युवा राजा के नाम पर चक्र बिसोई ने किया।
विद्रोह का मुख्य कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा मानव बलि (मरिहा) को प्रतिबंधित करने के प्रयास, अंग्रेजों द्वारा नए करों का कारारोपण और अनेक क्षेत्रों जमींदारों तथा साहूकारों के प्रवेश से संबंधित थे, जिनके कारण आदिवासियों को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा।
अंग्रेजों ने एक ‘मरिहा एजेंसी' गठित की, जिसके विरुद्ध खोंडों ने विद्रोह किया परंतु 1855 ई. में चक्र बिसोई लुप्त हो गया, जिसके बाद यह आंदोलन समाप्त हो गया।