भारतीय योजना आयोग के अनुसार दृष्टि नियोजन (Perspective planning) एक लंबी अवधि के लिए अपनाए जाने वाले विकासो का खाका है।
अर्थात इसमें पूर्व से ही दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। किंतु इसी नियोजन का आशय 15 या 20 वर्षों की पूरी अवधि के लिए एक ही योजना का निर्माण करना ही नहीं है।
वास्तव में दृष्टि नियोजन में 4 या 5 वर्ष की गई अल्पकालीन योजनाओं में विभक्त करके निर्धारित अवधि के भीतर योजना के वृहद उद्देश्यों को प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।
एक अल्पकालीन योजना जैसे पंचवर्षीय योजना को वार्षिक योजनाओं में विभक्त कर दिया जाता है ताकि प्रत्येक वार्षिक योजना पंचवर्षीय योजना के विस्तृत ढांचे में समायोजित हो जाए।