भारत में लोकपाल (Ombudsman) का विचार स्कैन्डिनेवियाई देशों (Scandinavian Countries) से लिया गया।
लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 ने संघ (केन्द्र) के लिए लोकपाल तथा राज्यों के लिए लोकायुक्त संस्था की व्यवस्था की। ये संस्था बिना किसी संवैधानिक दर्जे वाले वैधानिक निकाय है। लोकपाल एवं लोकायुक्त शब्द प्रख्यात विधिवेत्ता डॉ० एल० एम० सिंधवी ने पेश किया।
लोकपाल एक बहु-सदस्यीय निकाय है जिसका गठन एक चेयरपर्सन और अधिकतम 8 सदस्यों से हुआ है।
लोकपाल संस्था के चेयरपर्सन और सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक है।