परागधानी (Anther) से परागकण का वर्तिकाग्र (Stigma) पर जाना, परागण (Pollination) कहलाता है। परागण के उपरांत निषेचन (Fertilization) की प्रक्रिया होती है तथा प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है। परागकण, परागकोष में रहता है है
पादप में पुमंग नर जनन अंग है। जायांग मादा जनन अंग है। परागण दो प्रकार के होते हैं -
(i) स्वपरागण एवं (ii) परपरागण
- जेनेटिकली समान फूलों तक परागकण का स्थानांतरण स्वरागण होता है।
- जेनेटिकली भिन्न फूलों तक परागकण का स्थानांतरण होता है।