काली और कछारी (जलोढ़) मिट्टियाँ में सैकड़ों वर्षों से कृषि कार्य बिना अधिक खाद के प्रयोग से किया जाता है। काली मिट्टी और कछारी मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है , काली मिट्टी में आयरन, चूना, एल्युमिनियम एवं मैग्नेशियम की बहुलता होती है। जलोढ़ मिट्टी की बहुलता भारत के नदी घाटी मैदानी भाग में है।
लाल मिट्टी का लाल रंग लौह-ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण होता है। यह मिट्टी अम्लीय प्रवृत्ति की मिट्टी होती है।