जब कोई पंच संयोजी अपद्रव्य जैसे— फॉस्फोरस, ऐण्टिमनी, आर्सेनिक, आदि की अल्प मात्रा शुद्ध जर्मेनियम अर्ध चालक में मिला दिया जाता है तो जर्मेनियम की चालकता बहुत बढ़ जाती है।
अपद्रव्य के पाँचों संयोजी इलेक्ट्रॉनों में से चार जर्मेनियम के परमाणुओं से प्राप्त चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों के साथ सहसंयोजक बंध बना लेते हैं और पाँचवा इलेक्ट्रॉन गति करने के लिए मुक्त होता है।
यही इलेकट्रॉन विद्युत चालन के लिए उत्तरदायी होता है। अतः n-टाइप अर्धचालक में मुख्य आवेशवाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं। पंच संयोजी अपद्रव्य को दाता प्रकार की अशुद्धि कहते हैं।