कोशिकत्व का प्रमुख कारण कौन सा बल है? Koshikatu Ka Pramukh Karan Kaun Sa Bal Hai?
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कोशिकत्व का प्रमुख कारण कौन सा बल है? Koshikatu Ka Pramukh Karan Kaun Sa Bal Hai?

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केशिकत्त्व का प्रमुख कारण असंजन बल / ससंजन बल है।

Note : 

  • बहुत कम भीतरी व्यास वाली काँच की साफ नली को केशिकनली कहते हैं।
  • यदि केशिका नली को जल में खड़ा करें तो उसमें जल उपर चढ़ जाता है। यह परिघटना केशिकत्व कहलाती है।
  • केशिका नली में जल के ऊपर चढ़ने का कारण है जल के अणुओं का एक दूसरे के प्रति जो आकर्षण है उससे अधिक आकर्षण जल के अणुओं का काँच के अणुओं के प्रति है।
  • जब ऐसे केशिका नली को पारे में खड़ा करते हैं तब पारे के ऊपर बढ़ने का कारण पारा के अणुओं का एक दूसरे के प्रति आकर्षण बल पारा और काँच के अणुओं के आकर्षण बल से अधिक होता है।
  • इस प्रकार स्पष्ट है कि केशिकत्व का कहीं पर कारण Adhesive force (आसंजन बल) है तो कहीं पर कारण Cohesive force ( ससंजन बल ) है।
  • असमान अणुओं के बीच का आकर्षण बल — Adhesive force है ।
  • समान अणुओं के बीच का आकर्षण बल – Cohesive force यदि केशिका नली को जल में खड़ा करते हैं तो नली के अन्दर जल का स्तर बाहर के स्तर से ऊपर होता है।
  • यदि केशिका नली को पारे में खड़ा करते हैं तो नली के अन्दर पारे का स्तर बाहर के स्तर से नीचा होता है।
  • जल में जब केशिका नली को रखते हैं तो द्रव का ऊपरी सतह अवतल (concave) रूप में होता है ।
  • पारा में जब केशिका नली को रखते है तो पारा का ऊपरी सतह उत्तल (Convex) रूप में होता है।

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