भारत में प्रचलित जातिप्रथा किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के अनुकूल पेशा चुनने की स्वतंत्रता नहीं देती।
इस प्रथा में प्रत्येक व्यक्ति अपने पैतृक पेशा से बँधने को विवश है।
पेशा परिवर्तन की अनुमति न देकर भारतीय जातिप्रथा बेरोजगारी का प्रमुख तथा प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।
इच्छानुसार पेशा परिवर्तन की स्वतंत्रता होती शायद इतनी बेरोजगारी नहीं होती।