स्तूप में निर्मित छज्जे जैसी संरचना को हर्मिका (Hermika) कहा जाता है।
स्तूप का शाब्दिक अर्थ "किसी वस्तु का ढेर" होता है। किसी भी स्तूप का मुख्यतः 6 अंग होता है—
- वेदिका (रेलिंग) का निर्माण स्तूप की रक्षा के लिए होता है।
- मेधि (कुर्सी) पर स्तूप का मुख्य भाग आधारित होता है।
- अण्ड, स्तूप का अर्द्ध गोलाकार भाग होता है।
- हर्मिका, स्तूप शिखर के अस्थि पात्र की रक्षा के लिए होता है।
- छत्र अथवा छत्रावली, स्तूप के ऊपर धार्मिक चिह्न का प्रतीक होता है।
- यष्टि, यह स्तूप के छत्र को सहारा देने के लिए होता है।