चालू लेखा (Current Account) के घाटे को विदेशों से प्राप्त निवल पूंजी प्रवाह से वित्त पोषित किया जाता है। देश के कुल निर्यात और आयात के बीच के अंतर को चालू लेखा घाटा कहा जाता है।
निर्यात और आयात सिर्फ वस्तुओं से नहीं बल्कि वस्तुओं और सेवाओं के संदर्भ में समझा जाना चाहिए। अर्थात किसी देश में वस्तुओं और सेवाओं के आयात-निर्यात के जरिए कितनी विदेशी मुद्रा आती है और कितनी बाहर जाती है, उसके अंतर को चालू लेखा घाटा कहते हैं।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों (a) में से विकल्प सही होगा ।