मानव संसाधन का अर्थ है देश की कार्यशील जनसंख्या के 'कौशल' और 'योग्यताएँ ।
जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लेते हैं, तो वे मानव संसाधन बन जाते है, अर्थात् जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किए जाते हैं, तो वह प्रशिक्षण, दक्षता एवं कौशल हासिल कर लेता है और वह व्यक्ति राष्ट्र की सम्पत्ति बन जाता है।
ऐसी स्थिति में वह मानव - पूँजी कहलाता है।
मानव संसाधन को मानव-पूँजी में परिवर्तित करने के लिए कुछ निम्नलिखित तथ्यों की आवश्यकता होती है --
(1) भोजन - पौष्टिक भोजन से व्यक्ति का शारीरिक तथा मानसिक विकास होता है।
(2) वस्त्र - मौसम के अनुकूल वस्त्र भी आवश्यक है।
(3) आवास - अच्छे आवास में रहकर ही तो व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। और अपनी शिक्षा दीक्षा पूरी कर सकता है। -
(4) शिक्षा – मानव संसाधन का मूलाधार शिक्षा है। शिक्षा के द्वारा ही मानव संसाधन मानव-पूँजी में परिवर्तित हो सकता है ।
(5) स्वास्थ्य -- चूँकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, इसलिए स्वास्थ्य भी ठीक रहना बहुत जरूरी है।