वस्तु विभेद, एकाधिकारी प्रतिस्पर्द्धा (Monopolistic Competition) का मुख्य लक्षण है। यहां वस्तु विभेद से अभिप्राय है कि वस्तु समरूप होते हुए भी एक निश्चित समय में उपभोक्ताओं को विभिन्न आकार-प्रकार के रूपों में उपलब्ध होंगी। एकाधिकारी प्रतिस्पर्द्धा से तात्पर्य ऐसे बाजार से है जिसमें एकाधिकार तथा प्रतियोगिता दोनों के गुण पाए जाते हों।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों में से विकल्प (a) सही होगा।