कारा वनस्पति को जड़ों, तनों और पत्तियों में विभेदित नहीं किया जाता है। अत: विकल्प (4) सही उत्तर होगा।
- शैवाल प्रायः पर्णहरित युक्त, संवहन ऊतक रहित, भ्रूण रहित आत्मपोषी (Autotrophic) सेल्युलोज भित्ति वाले होते हैं।
- शैवाल का शरीर जड़ तना एवं पत्तियों में विभक्त नहीं होती है।
- कारा (chara) तथा नाइट्रेला (Nitrella) शैवाल मलेरिया उन्मूलन में सहायक होते हैं।
शैवाल का महत्व निम्न है—
(i) शैवालों में कार्बोहाइड्रेट्स अकार्बनिक पदार्थ तथा विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
(ii) सारगासम नामक शैवाल से जापान में कृत्रिम ऊन का निर्माण किया जाता है।
(iii) लेमीनेरिया, फ्यूकस आदि शैवालों का प्रयोग आयोडीन, ब्रोमीन अम्ल, एसीटोन बनाने में किया जाता है।
(iv) नॉस्टाक, एनाबीना आदि शैवाल वायुमण्डल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं।
(v) क्लोरोलीन प्रतिजैविक क्लोरेला शैवाल से तैयार की जाती है जो ग्राम पॉजिटिव तथा ग्राम निगेटिव दोनों प्रकार के जीवाणुओं से रक्षा करती है।