तृतीय पंचवर्षीय योजना में जो कृषि का रूप रेखा तैयार किया गया वह हरित क्रांति के रूप में परिणित हो गयी ।
Note :-
तृतीय पंचवर्षीय योजना का अवधि - 1961-1966 ई० के बीच हैं, जब भारत की चीन और पाकिस्तान से युद्ध लड़ना पड़ा तथा भारी सूखा एवं अकाल का समय रहा ।
इसी समय 'गहन कृषि कार्यक्रम' और गहन पशु कार्यक्रम शुरू किया गया, फिर इसका विस्तार किया गया ।
हरित क्रांति में उन्नत बीज, उन्नत तकनीकी और सिंचाई उर्वरक आदि के प्रयोग पर बल दिया गया ।
वस्तुत: 1960-70 के दशक में जो विकास कृषि में वैज्ञानिक तकनीकी से शुरू हुआ, उसे हरित क्रांति की संज्ञा दी जाती है ।