(i) इसे साँचे, खिलौने, सिरेमिक बर्तन आदि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) सजावटी सामान, मूर्तियाँ आदि इससे बनाए जाते हैं।
(iii) अस्पतालों में अस्थि विभाग और दंत विभाग के द्वारा इसका पर्याप्त प्रयोग किया जाता है। यह टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है और टूटे हुए दांतों के स्थान पर नकली दांत लगाने के सांचे इससे बनाए जाते हैं।
(iv) भवनों की दीवारों और छतों को समतल करने और उन पर डिजाइन बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(v) अग्निशमन संबंधी सामग्री इससे तैयार की जाती है। (vi) प्रयोगशालाओं में गैसों का रिसाव इससे रोका जाता है।