साम का शाब्दिक अर्थ है : गान। सामवेद वेद में मुख्यतः यज्ञों के अवसर पर गाये जाने वाले ऋचाओं (मन्त्रों) का संकलन है।
सामवेद के पाठकर्ता को उद्रातृ कहते हैं। इसका संकलन ऋग्वेद पर आधारित है। इसमें 1810 सूक्त हैं, जो प्रायः ऋग्वेद से लिए गए हैं। इसे भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है।
नोट : यजुर्वेद तथा सामवेद में किसी भी विशिष्ट ऐतिहासिक घटना का वर्णन नहीं मिलता।