अधिनव तारे तथा न्यूट्रॉन तारे का निर्माण (Formation of Supernova star and Neutron star) : यदि किसी तारे का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से बहुत अधिक हो तो रक्त दानव प्रावस्था के क्रम में इसके हीलियम क्रोड के संकुचन से विमुक्त नाभिकीय ऊर्जा बाहरी आवरण में तेज दमक के साथ विस्फोट उत्पन्न कर देती है। यह विस्फोट आकाश को कई दिनों तक प्रकाशित करता है। ऐसा विस्फोटक तारा अधिनव (Supernova) तारा कहलाता है। सुपरनोवा विस्फोट के बाद भी इसके क्रोड का संकुचन होते रहता है और वह न्यूट्रॉन तारा बन जाता है।
हमारी मंदाकिनी दुग्धमेखला में न्यूट्रॉन तारों की संख्या का अनुमान लगभग 10⁸ लगाया गया है, जिनमें से लगभग एक हजार ऐसे तारों को देखा गया है। न्यूट्रॉन तारे का घनत्व नाभिकीय घनत्व की कोटि का (10¹⁷ kg/m³) होता है। न्यूट्रॉन तारों का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग दो गुना तथा त्रिज्या लगभग 10 किमी. होती है । यह अदीप्त होता है तथा सीधे तौर पर नहीं देखा जा सकता है।