प्रारूप के अंग बताइए।Prarup Ke Ang Bataiye.
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प्रारूप के अंग बताइए।Prarup Ke Ang Bataiye.

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प्रसिद्ध विद्वान् ग्लेसर (Glaser) ने प्रत्येक अनुदेशन प्रारूप के 4 अंग बताये है प्रारूप बनाते समय इन अंगों पर ध्यान देना चाहिए

(A) पाठ्य वस्तु – प्रारूप का प्रमुख केन्द्र बिन्दु होता है।

 (B) विश्लेषण – इसके अन्तर्गत विद्यार्थियों का विश्लेषण किया जाता है तथा उनके व्यवहार का पता लगाया जाता है जिससे उपयुक्त शैक्षिक वातावरण कायम किया जा सके । 

(C) प्रक्रिया - इसका सम्बन्ध विधियों, प्रविधियों, युक्तियों, नीतियों तथा अन्य सहाय सामग्री के चयन से होता है ।

(D) मूल्यांकन – मूल्यांकन में सीखने की उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है। स्पष्ट है कि शिक्षण के क्षेत्र में जिन प्रारूपों पर कार्य किया जाता है उसे अनुदेशन प्रारू कहते हैं।

अतः विद्यार्थियों के व्यवहार में वांछित बदलाव लाने के लिए सीखने के सिद्धान्तों के साथ-साथ शिक्षा की परिस्थितियों, कार्यों, विधियों और उपागमों के संयुक्त रूप को अनुदेशन प्रारूप कहा जाता है।

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