भौतिक पर्यावरण के अंग - भौतिक पर्यावरण के अंग निम्नलिखित है -
1. शक्तियाँ- भौतिक पर्यावरण की शक्तियों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है।
(i) बाह्य शक्तियाँ
(ii) आन्तरिक शक्तियाँ
(i) बाह्य शक्तियाँ - इसके अन्तर्गत पर्यावरण के अंग यथा- ऋतु, अपक्षय, अपरदन (जल, पवन, हिमानी, समुद्री लहरें) सूर्य ताप, ग्रहों की आकर्षण शक्ति, पृथ्वी का परिक्रमण एवं घूर्णन तथा जीवन शक्तियाँ सम्मिलित हैं।
(ii) आन्तरिक शक्तियाँ - इसके अन्तर्गत पर्वत निर्माणकारी शक्तियाँ, भूकम्प, ज्वालामुखी, विस्फोटक शक्तियाँ आती हैं जिसके कारण अनेक प्रकार की प्रक्रिया जन्म लेती हैं जो पर्यावरण तच्चों का निर्माण करती है।
2. तत्त्व (Elements) - प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण उनके तत्त्व उत्पन्न हो जाते हैं, जैसे
(i) भाव वाचक तत्त्व - प्रदेश की ज्यामितीय स्थिति, प्राकृतिक स्थिति, आकार आदि तत्त्व।
(ii) भौतिक तत्त्व - भू-आकृति, मौसम तथा जलवायु, चट्टानें, मिट्टियाँ, महासागर धरातलीय एवं भूमिगत जल आदि ।
(iii) जैविक तत्त्व - पशु जगत्, वनस्पति, सूक्ष्म जीवाणु आदि ।
3. प्रक्रियाएँ (Activities) - सूर्य का ताप, सौर्थिक विकरण, अपक्षय एवं अपरदन, संवाहन, निक्षेपण, पर्वत निर्माण, भ्रंश घाटियों का निर्माण, ताप संचालन, वायु संचार, भूकम्प, ज्यालामुखी क्रियाएँ, समुद्री धारा, लहरें आदि अनेक पर्यावरणीय तत्त्वों का निर्माण करती हैं।