वह उत्प्रेरकी अभिक्रिया जो उत्प्रेरक की रन्ध्र संरचना एवं अभिक्रियक एवं उत्पाद अणुओं के साइज पुर निर्भर करती है, आकार वरणात्मक उत्प्रेरण कहलाती है।
मधुमक्खी छत्ते जैसी संरचना के कारण जिओलाइट अच्छे आकार की वरणात्मक उत्प्रेरण कहलाती है। यह सिलिकेट्स के त्रिविमीय नेटवर्क वाले सूक्ष्मरन्ध्री ऐलुमिनों सिलीकेट होते हैं, जिनमें कुछ सिलिकन परमाणु ऐलुमिनियम के परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित होकर AI – O - Si ढाँचा बनाते हैं।
जिओलाइटों में होने वाली अभिक्रियाएँ अभिक्रियक तथा उत्पाद अणुओं के आकार एवं आकृति के साथ-साथ जिओलाइटों के सरन्ध्रों एवं कोटरों पर निर्भर करती है। जिओलाइट प्रकृति में पाए जाते हैं तथा उत्प्रेरक वरणात्मकता के लिए संश्लेषित भी किये जाते हैं। विजलीयकरण करने के लिए जिओलाइट को गरम किया जाता है।
जिओलाइट रन्ध्रों का आकार 260-740pm होता है। अतः केवल वे अणु अधिशोषित हो सकते हैं जिनका आकार इन रन्ध्रों के समान हो । अतः जिओलाइटों का आकार वरणात्मक उत्प्रेरक होता है।