यदि किसी वस्तु पर क्रियाशील आवर्ती बल का कम्पनांक वस्तु के प्राकृतिक कम्पनांक से भिन्न हो, तो वस्तु बहुत कम दोलन विस्तार से प्रकम्पित होती है।
परन्तु, आवर्ती बल का कम्पनांक वस्तु के प्राकृतिक कम्पनांक के बराबर हाने पर वस्तु का दोलन विस्तार बहुत अधिक होता है, क्योंकि पैर मिलाकर चलने पर प्रति सेकण्ड पैर का आघात प्राकृतिक कम्पनांक के बराबर हो जाने की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति में दोलन-विस्तार अधिक होने पर पुल टूट सकता है।