स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में चितरंजन दास तथा मोतीलाल नेहरू ने किया था, असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद कांग्रेस के विभिन्न नेताओं में असंतोष था, इसी विवाद को लेकर मोतीलाल नेहरू तथा चितरंजन दास ने अलग होकर स्वराज पार्टी का गठन किया था। इसका मुख्य उद्देश्य व्यवस्थापिका सभाओं में प्रवेश कर सरकार की नीतियों का आलोचना करना था।