सर वेलेन्टाइन शिरोल (Sir Valentine Shirol) ने लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) अथवा बालगंगाधर तिलक (Balgangadhr Tilak) को भारत में अशांति का जन्मदाता (The father of the Indian Unrest) कहा था। इसी विषय पर तिलक ने शिरोल पर मानहानि का मुकदमा किया, जिसमें वे हार गये थे।
लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करने के लिए तिलक ने 1893 ई० में गणेश उत्सव एवं 1895 ई० में शिवाजी उत्सव की शुरुआत की।