भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) को अगस्त क्रांति के रूप में भी जाना जाता है।
बॉम्बे के ग्वालिया टैंक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में "भारत छोड़ो आंदोलन" प्रस्ताव स्वीकार किया गया था।
- 'ग्वालिया टैंक' अधिवेशन में गाँधीजी ने भाषण दिया और "करो या मरो " का नारा दिया था।
- 14 जुलाई 1942 को वर्धा में काँग्रेस कार्यकारिणी समिति के बैठक में भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था।
- 9 अगस्त को "ऑपरेशन जीरो आवर" के तहत कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- महात्मा गाँधी को पुणे के “आगा खाँ पैलेस" में रखा गया।
- सरोजिनी नायडू और कस्तूरबा गाँधी को भी "आगा खाँ पैलेस में रखा गया था।
- जवाहर लाल नेहरू को "अल्मोड़ा जेल" और राजेन्द्र प्रसाद को बाँकीपुर जेल (पटना) में रखा गया था।
- भूमिगत आंदोलन के संचालनकताओं— अच्युत पटवर्धन, अरूणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी, राम मनोहर लोहिया, बीजू पटनायक, छोटूभाई खुंजणिक, जय प्रकाश नारायण आदि शामिल थे।
- भूमिगत आंदोलन के तहत ऊषा मेहता ने 14 अगस्त 1942 से रेडियो प्रसारण का कार्य प्रारंभ किया।