1916 के लखनऊ अधिवेशन (Lucknow Session) में होमरूल लीग के सदस्यों के लिए अपनी ताकत दिखाने का अच्छा मौका था।
तिलक के समर्थकों ने तो परंपरा ही बना दी, जिस पर कांग्रेस बहुत वर्षों तक टिकी रही। उनके समर्थकों ने लखनऊ पहुंचने के लिए एक ट्रेन आरक्षित की, जिसे कुछ लोगों ने कांग्रेस स्पेशल का नाम दिया, तो कुछ ने होमरूल स्पेशल कहा।
अरुंडेल ने लीग के हर सदस्य से कहा था कि वह लखनऊ अधिवेशन का सदस्य बनने की हर संभव कोशिश करें। अधिवेशन की समाप्ति के तुरंत बाद उसी पंडाल में दोनों होमरूल लीगों की बैठक हुई, जिसमें लगभग एक हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कांग्रेस लीग समझौते की सराहना की गई। तिलक तथा एनी बेसेन्ट ने बैठक को संबोधित किया।