इफेड्रा पौधे को अनावृतबीजी (Gymnosperm) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
अनावृतबीजी अर्थात जिम्नोस्पर्म ऐसे पौधे को कहते है जिनके बीज में आवरण या कवच नहीं पाया जाता है।
जिम्नोस्पर्म का आर्थिक महत्व निम्न है —
(i) भोजन के रूप में – साइकस के तनों से मण्ड निकालकर खाने वाला साबूदाना बनाया जाता है।
(ii) लकड़ी के रूप में – चीड़, सिकोया, देवदार, फर, स्पूस आदि की लकड़ी महत्वपूर्ण फर्नीचर बनाने के काम आती है।
(iii) औषधि के रूप में – इफेड्रा से इफेड्रीन नामक औषधि बनाई जाती है जिसका प्रयोग खाँसी एवं दर्जे के उपचार में किया जाता है।
(iv) वाष्पीय तेल – चीड़ के पेड़ से तारपीन का तेल, देवदार की लकड़ी से सेड्रस तेल, जूनीपेरस की लकड़ी से सेड्रस काष्ठ तेल मिलता है।
(v) टेनिन – चमड़ा बनाने तथा स्याही बनाने के काम आता है।