1923-28 के काल में भारतीय राजनीति में क्रांतिकारी कार्यविधियों की पुनरावृत्ति (Revial) का कारण था- गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन का स्थगन ।
1922 के बाद असहयोग आंदोलन के स्थगन और देश में किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि के अभाव से बहुत से क्षमतावान राष्ट्रवादी युवाओं का मोहभंग हो गया।
ये युवा गांधीजी के नेतृत्व और अहिंसात्मक संघर्ष की राजनीति से भी असंतुष्ट थे। ये रूस, चीन, आयरलैंड , तुर्की, मिस्र आदि में कहीं भी होने वाले क्रांतिकारी आंदोलन और विद्रोह से अनुप्राणित होकर हिंसात्मक माध्यम से ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रयासरत थे।
इस कारण यह काल भारतीय राजनीति में क्रांतिकारी कार्यविधियों की पुनरावृत्ति का काल माना जाता है।